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आलिंगन - प्रतियोगिता -12-Feb-2022

शब्दों का जब भिन्न-भिन्न भावों से
होता आलिंगन, जन्म लेती कविताएँ।

अँधेरी रात से जुगनू का आलिंगन
निराशा में उम्मीद की किरण जगाए।

नाज़ुक फूलों का काँटों से आलिंगन
जीवन के उतार-चढ़ाव को समझाए।

बारिश का सूखी धरती से आलिंगन
चहुँ ओर हरियाली की छटा बिखराए।

अगरबत्ती करती अग्नि से आलिंगन
वातावरण को पवित्र,सुगंधित बनाए।

दिल का जब दिल से होता आलिंगन
बह उठती निःस्वार्थ प्रेम की धाराएँ।

दो पवित्र आत्माओं के आलिंगन से
बन जाती है वेदों की अद्भुत ऋचाएँ।

दीपक और पतिंगे के बीच का आलिंगन
ठगिनी माया की क्षणभंगुरता समझाए।

ईश्वर का भक्त से भावपूर्ण आलिंगन
नश्वर जीवन में अमृतत्व बरसाए।

गंगा, जमुना और सरयू का आलिंगन
जगत में संगम के रूप में जाना जाए।

सप्तरंगों का एक-दूजे से हो आलिंगन
इंद्रधनुष रूप में अपनी आभा फैलाए।

धरती व नभ का काल्पनिक आलिंगन
क्षितिज बनकर असीमित कहलाए।

धूप का होता जब धरती से आलिंगन
मिट जाती अनेक प्रकार की बाधाएँ।

शीतल चाँदनी से तम का आलिंगन
बढ़ा देता है विरहिणी की व्यथाएँ।

यथार्थ और कल्पना का होआलिंगन
तो मिट जाती अनेक विषम शंकाएँ।

ममतामयी माता का बेटे से आलिंगन
मिटा दे जीवन की समस्त दुविधाएँ।

सच्चे सिपाही का तिरंगे से आलिंगन
इतिहास में उसको शहादत दिलवाए।

आलिंगन प्रतीक है प्रेम की तपस्या का
श्रद्धा,पावनता के उच्चतम प्रतिफल का।

डॉ. अर्पिता अग्रवाल
नोएडा, उत्तरप्रदेश

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25 Comments

Shrishti pandey

14-Feb-2022 09:11 AM

Nice

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Simran Bhagat

13-Feb-2022 03:18 PM

Wonderful

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Dr. Arpita Agrawal

13-Feb-2022 06:09 PM

Thank you

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Abhinav ji

13-Feb-2022 02:09 PM

Nice

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Dr. Arpita Agrawal

13-Feb-2022 06:09 PM

Thanks

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